Mutual Fund Categories: लार्ज कैप और ब्लू चिप फंड में क्या है फर्क

Mutual Fund Categories

Mutual Fund Categories : म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वालो की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसकी एक वजह इसमें मिलने वाला ब्याज है। लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले ब्लूचिप फंड या लार्ज-कैप फंड के बारे में जानना बहुत जरुरी है. इन दोनों ही फण्ड का निवेश मुख्यतौर पर बाजार की दिग्गज कंपनियों में होता है.  म्यूचुअल फंड्स स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका है.

म्यूचुअल फंड का सिलेक्शन काफी पेचीदा प्रोसेस होता है। अगर आप सही म्यूचुअल फंड नहीं चुनते हैं तो इसका सीधा असर आपके निवेश पर पड़ता है. ऐसे में अधिकतर लोगो के मन में सवाल आता है कि आखिर ब्लूचिप फंड, लार्ज कैप फंड समेत म्यूचुअल फंड्स के अलग-अलग नामों और कैटेगरीज़ का मतलब क्या है और उन्हें एक-दूसरे से किस आधार पर अलग किया जाता है?

यदि आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने की सोच रहे है तो इस से होने वाले लाभ और जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. जानकारी के लिए बता दे कि म्यूच्यूअल फण्ड का वर्गीकरण उसकी विशेषताओ के आधार पर किया जाता है. तो चलिए Mutual Fund Categories के बारे में विस्तार से जानते है.

Mutual Fund Categories

SEBI ने होने सर्कुलर में बताया कि अगर कोई फंड मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों में निवेश करता है, तो उसे लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड की कैटेगरी में ही रखा जायेगा. ब्लूचिप फंड भी टॉप 100 कंपनियों के शेयर्स में ही निवेश करते हैं तो इस लिहाज से वे भी लार्ज कैप फंड है.

दरअसल SEBI ने म्यूचुअल फंड्स को कई अलग-अलग कैटेगरीज में बांटा है जिस से निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से सही स्कीम का चयन कर सके. इनमें प्रमुख कैटेगरीज का मतलब आप यहां जान सकते हैं:

लार्ज कैप फंड – Large Cap Mutual Funds

लार्ज कैप फंड्स अपने कॉर्पस का कम से कम 80% हिस्सा उन कंपनियों के स्टॉक्स में लगाते हैं, जो मार्केट की टॉप 100 कंपनियों में शामिल होती हैं. ये कम्पनिया काफी बड़ी होती और मजबूत मानी जाती है. ये अपने निवेशकों को स्टेबल रिटर्न देती है और तुलनात्मक रूप से इसमें रिष्क भी कम माना जाता है.

यह भी पढ़े: Nifty 50 me SIP Kaise Kare: निफ़्टी 50 में सिप करके पैसा कमाए

मिड कैप फंड्स – Mid Cap Mutual Funds

इस तरह के फंड्स अपने कॉर्पस का कम से कम 65% हिस्सा मिड कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं. मिड कैप स्टॉक्स उन कंपनियों को कहते है, जो मार्केट कैप के हिसाब से 101वें से 250वें नंबर पर आती हैं. इस तरह कि कंपनियों में ग्रोथ पोटेंशियल और हाई रिटर्न देने की क्षमता लार्ज कैप कि तुलना में अधिक होती है।

स्मॉल कैप फंड्स – Small Cap Mutual Funds

ये अपने फंड्स में से 65% हिस्सा स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं. स्मॉल कैप स्टॉक्स में वे कम्पनिया शामिल होती है, जिनकी रैंक मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से बाजार में 251वें नंबर पर या उससे नीचे होती है. इन स्टॉक्स में में निवेश करने पर रिटर्न की संभावना और रिस्क, दोनों ही, लार्ज कैप और मिड कैप से ज्यादा माने जाते हैं.

यह भी पढ़े: निवेश क्या है? Investment Meaning in Hindi

इक्विटी फंड की अन्य प्रमुख कैटेगरी

यहाँ पर बताई गई कैटेगरी के अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में थीमैटिक फंड, फोकस्ड फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), वैल्यू फंड, कॉन्ट्रा फंड, डिविंडेड यील्ड फंड भी शामिल है. इसमें से किसी का भी चयन करने निवेश कर सकते है।

कैसे करें सही फंड का सेलेक्शन?

इक्विटी फंड्स की इतनी सारी कैटेगरीज़ होने कि वजह से लोग निवेश करने के लिए सही फंड कैटेगरी का चयन नहीं कर पाते. लेकिन निवेश करने से पहले रिसर्च करना बहुत जरुरी है. सबसे अच्छा इक्विटी फंड्स होता है, जिसमे लम्बे समय तक निवेश करना बेहतर होता है. इसके साथ ही सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये भी निवेश करते है तो कम रिस्क होता है और रिटर्न अच्छा मिलता है।

यह भी पढ़े: How to Select Best Stocks – अच्छे शेयर का चुनाव कैसे करें

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? (Step-by-Step Guide of How to invest in Mutual Funds in Hindi)

म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश किया जा सकता है. हालाँकि इसके लिए Trading Account खुलवाना होता है, जिसके बाद अपनी पसंद के Mutual Fund में निवेश शुरू कर सकते है।

सही म्यूचुअल फंड का चयन करें

Mutual Fund में निवेश करने से पहले सही Mutual Fund का चुनाव करना जरुरी है. म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे: इक्विटी फंड (Equity Fund), डेब्ट फंड (Debt Fund), हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund), एलएसएस (ELSS) आदि. इसके साथ ही जोखिम सहनशीलता और निवेश की अवधि के बारे में बी पता करना जरुरी है.

KYC (Know Your Customer) कि प्रक्रिया पूरी करें

Mutual Fund में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको KYC (Know Your Customer) कि प्रक्रिया पूरा करना जरुरी है. इसके जरिये। आपको अपनी पहचान पुष्टि करना होती है. यह प्रक्रिया म्यूचुअल फंड निवेश के लिए अनिवार्य है और इसमें आमतौर पर निम्नलिखित दस्तावेज़ों की जरुरत होती है:

  • आधार कार्ड (Aadhar Card)
  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • निवास प्रमाण पत्र (Address Proof) जैसे कि बिजली का बिल (electricity bill), पासपोर्ट (Passport), आदि।
  • KYC प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से की जा सकती है।

निवेश का तरीका चुनें: SIP या लंप सम

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो प्रमुख तरीके होते हैं, अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक का चयन करके निवेश शुरू कर सकते है.

SIP (Systematic Investment Plan): SIP के तहत आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में जमा कर सकते है. यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो नियमित रूप से कम राशि को लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं।

लंप सम (Lump Sum): इसमें आप एकमुश्त (बड़ी राशि) निवेश कर सकते है. यह तरीका उन लोगों के लिए उपयुक्त होता है जो एक साथ बड़ा निवेश करना चाहते हैं।

निवेश के लिए म्यूचुअल फंड प्लैटफॉर्म चुनें

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए सही प्लेटफार्म का चयन करना भी जरुरी होता है. इसके लिए आप वेबसाइट या फिर App के जरिये भी निवेश शुरू कर सकते है. ऐसे कई बैंक है जो म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने कि सुविधा प्रदान करते है।

सोच-समझकर निवेश करने का फैसला लें

किसी भी इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले रिसर्च करना बहुत जरुरी है इसके साथ ही निवेशकों को अपनी रिस्क लेने की क्षमता, निवेश के उद्देश्य और निवेश की अवधि को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए. इसके साथ ही म्यूचुअल फंड्स की अलग-अलग कैटेगरीज को समझना भी जरुरी है. सही रणनीति और समझदारी के साथ किया गया निवेश ही बेहतर रिटर्न दिला सकता है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top